स्कूल बंद कराने की चाहत में छात्र ने 20 लड़कों को पिला दी कीटनाशक, और फिर…

ओडिशा में स्कूल को बंद कराने के लिए एक छात्र ने करीब 20 छात्रों की जान मुश्किल में डाल दी। मामला वेस्टर्न ओडिशा के एक उच्च माध्यमिक स्कूल का है। बताया जा रहा है कि बुधवार को दोपहर के बाद कामागांव उच्च माध्यमिक स्कूल के हॉस्टल में रहने वाले 2 छात्रों ने पानी पीने के बाद जी मचलाने और उल्टियां होने की शिकायत की। बता दें कि यह स्कूल बारगढ़ जिले के भाट्ली ब्लॉक में स्थित है। जिन दो छात्रों ने पहले तबीयत खराब होने की शिकायत की थी उन दोंनों ने रूम में रखे प्लास्टिक के एक बोतल में रखा पनी पीया था।

इसलिए इनके ऊपरी आंत तक की सफाई करनी पड़ी ताकि जहर का कोई भी अंश पाचन के दौरान अंदर ना जा सके। इस मामले के सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधन के बीच हड़कंप मच गया। स्कूल प्रशासन ने तुरंत इस मामले की जांच शुरू कर दी। जांच में खुलासा हुआ कि 16 साल के आर्टस विषय के एक छात्र ने बगीचे में इस्तेमाल होने वाले इस कीटनाशक को पानी में मिलाया था।

स्कूल के प्रिंसिपल प्रेमानंद पटेल ने बताया, ‘4 दिसंबर को यह छात्र अपने घर गया था और 6 दिसंबर को वो वापस हॉस्टल आ गया। लेकिन यह छात्र दोबारा घर जाना चाहता था। उसे उम्मीद थी कि omicron वेरिएंट को देखते हुए सरकार जल्द ही लॉकडाउन लगा देगी। सोशल मीडिया पर जब उसने यह देगा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से 19 दिसंबर को लॉकडाउन लगने वाला है तब घर जाने की उसकी उम्मीद और बढ़ गई।

हालांकि, इसके बाद जब मैंने अपने कॉलेज ग्रुप में यह मैसेज डाला कि लॉकडाउन लगने की बात महज अफवाह है तब यह जानकर वो छात्र काफी परेशान हो गया। उसने अपने कुछ दोस्तों से कहा था कि वो किसी तरह कॉलेज को बंद करवा कर रहेगा।

बुधवार को इस छात्र ने पानी की बोतल में यह जहर मिलाया और उसने इन छात्रों को यह जहर मिला पानी दे दिया। कुछ छात्रों ने पानी का रंग बदला देख उसे फेंक दिया तो कुछ ने इसकी एक-दो घूंट ली थी।

प्रिंसिपल ने यह भी बताया कि जिस छात्र ने पानी में यह कीटनाशक मिलाया था उसने यह भी झूठ बोला कि उसने यह पानी पी लिया है और उसकी भी तबीयत खराब हो गई है। जब इस छात्र को संभलपुर जिले में इलाज के लिए रेफर किया गया तब वो चुपचाप वहां से 48 किलोमीटर दूर अपने घर चला गया। जांच-पड़ताल के बाद खुलासा हुआ कि स्कूल को बंद करवाने की चाहत में इस छात्र ने ऐसा कदम उठाया था।

इस घटना के बाद पीड़ित छात्रों के परिजनों ने स्कूल के प्रिंसिपल के साथ बैठक की और छात्र पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग भी उठी। लेकिन लड़के के भविष्य को देखते हुए उसे सख्त चेतावनी दी गई है तथा कुछ दिनों के लिए सस्पेंड भी किया गया है।

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